Wednesday, May 30, 2012

ब्रेख्त : सर्वहारा के नेता और रचनाकार.


ब्रेख्त : सर्वहारा के नेता और रचनाकार.

 

नई दिल्ली,10 फरवरी। आज यहां नाटककार बर्तोल्‍त ब्रेख्त के 114 वें जन्मदिवस के अवसर पर नौजवान भारत सभा के तत्वावधान में शहीद भगतसिंह पुस्तकालय पर कविता पाठ एवं फिल्म शो का आयोजन किया गया। आयोजन में करावल नगर के मजदूरों, नागरिकों, शि‍क्षकों के अतिरिक्त शहर के कई वरिष्ठ कवि एवं कलाकारों की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ चित्रकार हरिपाल त्यागी के द्वारा बनाये गये ब्रेख्त के तैल चित्र पर नन्ही साक्षी द्वारा माल्यार्पण से हुई।
‘‘साल आता रहा, साल जाता रहा,वो भी चलता रहा
हम भी चलते रहे। जो किया सो किया
जो न कर सके ,उसे करने को अरमान मचलते रहे।’’ 
कवि राम कुमार कृषक ने उक्त कविता का पाठ करते हुऐ  बे्रख्त को सर्वहारा का नेता और रचनाकार बताया। नौजवान भारत सभा के अरविन्द ने ब्रेख्त के जीवन और कला से लोगों का परिचय करते हुए कहा कि मुनाफे के लिए उत्पादन करने वाला समाज में अश्‍लील और पतित संस्कृति ही पैदा कर सकता है और पूंजीवादी कला और कलाकार फासीवाद को बढ़ावा देते है। और ब्रेख्त का जीवन फासीवाद के खिलाफ संघर्ष का जीवन रहा है
उसके बाद कविता पाठ की शुरुआत करते हुए युवा कवि आशुतोष ने ‘‘सचमुच में अंधेरे के दौर में जी रहा हूं‘ और, जनरल तुम्हारा टैंक एक मजबूत वाहन है’’ का भावपूर्ण पाठ किया।
जनकवि सुरेन्द्र शैलेष ने ‘‘दंगो की असलियत उजागर करती अपनी कविता ‘जबसे कफर्यू लगा शहर में दहशत आ बैठी घर में’ तथा ‘कत्ल होता रहा, राम सोता रहा, इस तरह धर्म का काम होता रहा’ का पाठ किया।
कविता पाठ के बाद गौहर रजा द्वारा निर्मित और नाजी जर्मन फासीवाद को उजगार करती डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘जुल्मतों के दौर में’ का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में ‘नेता जब शांति के बारे में बोलता है, हम राज करें, तुम राम भजा, कविताओं का पाठ किया गया।
कार्यक्रम का समापन, दिशा छात्र संगठन की संस्कृतिक टोली विहान द्वारा गये  गीत ‘वह सब कुछ करने को तैयार, सभी अफसर उनके‘ से हुआ। कार्यक्रम का संचालन नौभास के योगेश  ने किया।

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