तुकान्त शब्दो की बाजीगरी
कविता नहीं होती
कविता शब्दों का खेल नहीं
गीत मनोरंजन मात्र नहीं।
कविता ऊपजती है दर्द से
कविता ऊपजती है बगावत से
कविता ऊपजती है जीवन से
कविता जीवन है दर्द है
बगावत है।
कविता युद्ध में थके सैनिक
की ऊर्जा का स्त्रोत है
वीरों का आवाह्न है कविता
शोक को शक्ति में बदलने का
यंत्र है कविता
ख़िजा मे खिलाती है फूल कविता।
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